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मां ऐसा बर ढूंढना

मां ऐसा बर ढूंढना

 मां ऐसा बर ढूंढना नेक,
 साथ निभाए जो मेरा ।
 छाया बट बन रहे हमेशा,
कष्ट हटाए बन घेरा ।

कामकाज में संग रहे जो, 
ना आंखों से ओझल हो । 
प्रेम पूर्ण सद्भाव हमेशा,
जीवन में हर पल पल हो  ।

मेरे मन के भाव पढे जो , लिख इतिहास बने कविता ।
खट्टी मीठी यादें सबकी ,
नित्य बहाये वो सरिता

भूल चूक हो यदि जीवन में ,
माफ करें बचपन पढ़कर ।
मंजु काम बढाये मनोबल, काम करे सब अड़ अड़ कर।

अनजान अनोखा अनुपम  पति ,
मां मेरी मुझको देना ।
 मुझमे ही रंगीन य दुनिया, 
उसको जग से क्या लेना ।

स्वरचित व मौलिक 
डॉक्टर आर बी पटेल "अनजान" 
शिक्षक व साहित्यकार 
रेडियो एवं दूरदर्शन गीतकार 
बजरंग नगर कॉलोनी 
छतरपुर मध्य प्रदेश

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3 Comments

Gunjan Kamal

03-Jun-2024 04:05 PM

👌🏻👏🏻

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kashish

15-May-2024 08:37 AM

V nice

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Mohammed urooj khan

14-May-2024 11:22 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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